Adi Shankaracharya Statue of Oneness MP | आदि शंकराचार्य एकात्मता की मूर्ति ओम्कारेश्वर | Statue of Oneness Omkareshwar Madhyapradesh | Highest statue of MP | Ekatma Dham | Adwait lok | आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान | अद्वैत लोक क्या है | एकात्म धाम कहा है | एकात्मता का सिद्धांत | एकात्मता की मूर्ति किसने बनाई , चित्रकार , मूर्तिकार, कौन सी कंपनी ने बने, कितना खर्चा आया, एकात्मता की मूर्ति ओम्कारेश्वर ऊंचाई
मध्यप्रदेश के ओम्कारेश्वर में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची मूर्ति का अनावरण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया | आदि शंकराचार्य की इस मूर्त को statue of oneness – एकात्मता की मूर्ति के नाम से भी जाना जायेगा |
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओम्कारेश्वर में ही अद्वैत लोक (Adwait Lok Omkareshwar Madhyapradesh) का शिलान्यास भी किया | यह अद्वैत लोक आचार्य शंकराचार्य के जीवन पर आधारित संग्रहालय होगा |
आचार्य आदि शंकराचार्य ओम्कारेश्वर से ही एकात्मता के प्रचार के लिए वाराणसी कीओर निकले थे इसीलिए इस प्रतिमा को एकात्मता की मूर्ति Statue of Oneness नाम दिया गया |
ओम्कारेश्वर मध्यप्रदेश में स्थित भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है ये इंदौर से करीब 8 किलोमीटर दूर खंडवा जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित है |
Adi Shankaracharya Statue of Oneness MP
Name of Statue | Statue of Oneness |
Whose Statue is | Adi Shankaracharya |
Height of Statue of Oneness | 108 feet (33 meters) |
Where is Statue of Oneness | Mandhata Parvat Omkareshwar MP |
Who inaugurated | MP CM Shivraj Singh Chouhan |
Staue of oneness name in hindi | Ekatmata ki murti (एकात्मता की मूर्ति ) |
आदि शंकराचार्य कौन थे | Who was Aadi Shankaracharya
आदि शंकराचार्य का अन्य नाम शंकर भगवत्पाद भी था | उनका जन्म 11 मई 788 AD लगभग 8वीं शताब्दी के आस-पास हुआ था, हालाँकि इनकी निश्चित जन्म तिथि नहीं पता है।
आदि शंकराचार्य का जन्म केरल के कलादि ग्राम में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था |
आदि शंकराचार्य भारतीय धार्मिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण धार्मिक आचार्य और दार्शनिक थे। उन्होंने अद्वैत वेदांत की महत्वपूर्ण वादना (व्याख्या) की और भारतीय दर्शन को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी
आदि शंकराचार्य का जीवन परिचय:
- बचपन और शिक्षा: आदि शंकराचार्य का जन्म केरल के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका बचपन और शिक्षा केरल के गुरुकुल में हुआ, जहां वे वेदों और वेदांत की शिक्षा प्राप्त करते थे।
- यात्रा: आदि शंकराचार्य ने युगपुरुषों की तरह भारत की चार धाम यात्रा की और भारतवर्ष के विभिन्न भागों में धार्मिक चर्चा की।
- दर्शन और दार्शनिक योगदान: आदि शंकराचार्य ने अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों का प्रचार किया और उन्होंने भारतीय दर्शन को सम्पूर्णता और एकत्व की दिशा में गति दिलाने का कार्य किया।
- ग्रंथ रचना: उन्होंने कई महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे, जैसे कि “विवेकचूडामणि,” “आत्मबोध,” और “उपनिषद्भाष्य” Vedic canon (Upanishads, Brahma Sutras and Bhagavad Gita) संस्कृत में लिखे |
- जीवनकाल: आदि शंकराचार्य का जीवनकाल संक्षेप में मात्र 32 वर्ष का था, लेकिन उनके द्वारा किए गए योगदान ने भारतीय धार्मिक इतिहास में अद्वैत वेदांत को महत्वपूर्ण धार्मिक दर्शन बना दिया।
जब भारत में बोद्ध धर्म का विस्तार हो रहा था उस समय श्री आदि शंकराचार्य ने हिदू धर्म को पुनर्जीवित करने का कार्य किया | वे बोद्ध धर्म के समर्थन में नही थे |
आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए भारत वर्ष में चार कोनो पर चार मठों की स्थापना की जो कि इस प्रकार है –
श्रृंगेरी मठ – यह रामेश्वरम तमिलनाडु में स्थित है |
गोवर्धन मठ – यह उड़ीसा के पूरी में है |
द्वारका मठ – इसे शारदा मठ के नाम से भी जाना जाता है यह गुजरात के द्वारका में स्थित है |
ज्योतिर्मठ – यह उत्तराखंड के बद्री नाथ में स्थित है |
आदि शंकराचार्य के दर्शनों और ग्रंथों का महत्व आज भी धार्मिक और दार्शनिक अध्ययन में है, और जिनका चिंतन धार्मिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। वे एक महान आचार्य और धार्मिक विचारक थे, जिन्होंने भारतीय धर्म को एक नई ऊँचाइयों तक उठाया।
एकात्मता की मूर्ति ओम्कारेश्वर मध्यप्रदेश | Statue of Oneness Omkareshwar Madhyapradesh
स्टेचू ऑफ़ वननेस Statue of Oneness जिसे एकात्मता की मूर्ति के नाम से भी जाना जाता है आचार्य श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा है | Statue of Oneness एकात्मता की मूर्ति ओम्कारेश्वर का अनावरण मध्यप्रदेश के खंडवा जिले की पुनासा तहसील पर स्थित मान्धाता पर्वत नामक नर्मदा नदी के द्वीप पर किया गया |
यह मूर्ति आदि शंकराचार्य के 12 वर्षीय रूप को दर्शाती है | आदि शंकराचार्य 12 वर्ष की आयु में ही वेदांत के प्रचार के लिए ओम्कारेश्वर से निकले थे |
इस प्रतिमा की ऊंचाई 108 फीट (लगभग 33 मीटर ) है | यह एक बहु धातु मूर्ति है जो कि 75 फ़ीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थित है आदि शंकराचार्य 12 फीट ऊंचे कमल पर विद्यमान हैं |
एकात्मता की मूर्ति की प्रेरणा प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार श्री वासुदेव कामत के द्वारा बनाई गई आदि शंकराचार्य बाल प्रतिमा के रेखाचित्र के आधार पर ली गई है इस मूर्ति को बनाने के लिए प्रसिद्ध मूर्तिकार श्री भगवान रामपुरे सोलापुर का चयन किया गया |
इस Statue of Oneness का निर्माण L & T (एल एंड टी ) कंपनी के द्वारा चित्रकार श्री वासुदेव कामत और मूर्तिकार श्री भगवान रामपुरे के मार्गदर्शन में ज.टी.क्यू J.T.Q China की एक company द्वारा किया गया है |
यह एकात्मता की मूर्ति 108 फीट ऊँची है इसका वजन 100 टन है जिसमे 88 प्रतिशत कॉपर, 4 प्रतिशत जिंक और 8 प्रतिशत टिन का इस्तेमाल हुआ है |
एकात्मता की मूर्ति ओम्कारेश्वर को बनाने में कुल लागत 198 करोड़ रुपये आई है | इसे तेयार होने में कुल 2 वर्षो का समय लगा |
आचार्य शंकराचार्य एकात्मता का सिद्धांत
एकात्मकता का शाब्दिक अर्थ है एक आत्मा यानी सभी जीवो की आत्मा का मूल रूप एक सामान है |
एक जीव अपने स्वरूप में सभी अन्य जीवों से अलग नहीं होता है। सभी जीवों की आत्मा एक समान होती है, यही एकात्मता का संदेश है। इस जीव-ब्रह्म में भेदभाव के अभाव से जीव संसारिक बंधन से मुक्ति प्राप्त करता है और परमानंद को प्राप्त करता है।
इसे वेदांत की दृष्टि से आत्यंतिक दुखनिवृत्ति और परमानंद प्राप्ति कहा जाता है। यह वेदांत का सन्देश है।
जीव अक्सर अपने को दूसरे जीवों से अलग मानता है, इसी कारण भेदभाव उत्पन्न होता है। लेकिन जीव का वास्तविक स्वरूप आत्मा होता है, और यह आत्मा सभी जीवों में एक होती है। अगर जीव में यह बदलाव आ जाये तो , सभी जीव अपने आत्मा को समझकर दूसरे जीवों के प्रति सहानुभूति और प्रेम दिखाने लगते हैं। इस प्रकार की एकात्मता भावना से सभी लोगों के बीच स्वर्गिक और दिव्य व्यवहार बढ़ जाता है।
इस प्रकार, जो संसार हमें हेय, त्याज्य, और दुखमय दिखाई देता है, वह हकीकत में दिव्य आनंद का स्थान बन जाता है। इसलिए विश्व में एकात्मता का संदेश अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह युगों का परिवर्तन कर सकता है।
एकात्मता की मूर्ति ओम्कारेश्वर का अनावरण किसने किया |
एकात्मता की मूर्ति Statue of Oneness का अनावरण मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 सितम्बर को किया | साथ ही ओन्होने अद्वैत लोक का भी शिलान्यास किया
एकात्मता की मूर्ति और अद्वैत लोक खंडवा जिले के ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के समीप नर्मदा नदी के तट पर 11.5 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित किये जा रहे है | यह प्रतिमा 2 साल में बनकर तेयार हुई है |
मूर्ति के अनावरण के लिए सम्पूर्ण भारत से 3000 से अधिक संतो को निमंत्रण दिया गया है | कार्यक्रम में अखिल भारतीय अखाडा परिषद् के अध्यक्ष रविन्द्रपूरी महाराज, अवधेशानंद जी महाराज, बाबा रामदेव, जग्गी वासुदेव सद्गुरु, गायत्री परिवार के प्रणव पंड्या , संघ प्रमुख मोहन भागवत आदि शामिल हुए |
यह मूर्ति 10 किलोमीटर दूर से दिखाई देगी | इस आयोजन को ब्रम्होत्सव नाम दिया गया ओमकार नाद,वैदिक मंत्रोचार, नृत्य शैलियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों आयोजित की जाएगी|
एकात्म धाम क्या है | What is Ekatma Dham Omkareshwar Madhyapradesh
मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग ने ‘भारतीय सांस्कृतिक एकता के दूत, अद्वैत दर्शन के प्रमुख प्रवक्ता, और सनातन संस्कृति के पुनरुद्धारक’ आचार्य शंकराचार्य जी के जीवन और दर्शन से मानवता को प्रेरित करने के लिए ‘आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास‘ का गठन किया है।
इस न्यास के माध्यम से, मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पुनासा तहसील में ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की 108 फीट ऊँची बहुधातु प्रतिमा ( Statue of Oneness omkareshwar madhyapradesh) , आचार्य शंकर संग्रहालय, और आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की स्थापना की जा रही है। इस पूरे प्रोजेक्ट का नाम ‘एकात्म धाम’ के रूप में निर्धारित किया गया है। ओंकारेश्वर को ‘एकात्मता का वैश्विक केंद्र‘ (Global Center for Oneness) बनाने का लक्ष्य है।
इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत लगभग 2200 crore बताई जा रही है हालाँकि इसमें म्यूजियम, गुरुकुल, अद्वैत लोक का कार्य निर्माणाधीन है |
अद्वैत लोक क्या है | What is Adwait Lok Omkareshwar Madhyapradesh
एकात्मता की मूर्ति के साथ ही अद्वैत लोक Adwait Lok Omkareshwar Madhyapradesh का शिलान्यास मुख्यमंत्री शिवराज ने किया | आचार्य शंकराचार्य के जीवन पर आधारित संग्रहालय को अद्वैत लोक (Adwait Lok Omkareshwar Madhyapradesh) नाम दिया गया है | इस भव्य संग्रहालय में आचार्य शंकर के विचारो को नए और आधुनिक तरीके से आज के मनुष्य के सामने प्रकट करने की कोशिश की जा रही है | यह भारतीय दर्शन और संस्कृति का संगम होगा | इसमें एक 3-डी होलोग्राम गेलेरी, हाई स्क्रीन थिएटर, अद्वैत नौका विहार है |
अद्वैत वेदांत दर्शन शोध, विस्तार, अध्ययन के लिए एक आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान का निर्माण किया जायेगा |
आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान –
इस संस्थान में, जिसका पूरा निर्माण डिज़ाइन, तकनीक, वातावरण, और संपूर्ण आधुनिक विशेषज्ञता से किया गया है, वह सभी स्थायी और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार होगा, जो स्वदेशी और पारंपरिक भारतीय संस्कृति, कला, और स्थापत्य शैली को प्रकट करते हैं। संस्थान क्षेत्र में निम्नलिखित मौलिक संरचनाएँ होंगी:
शैक्षिक केंद्र: ‘प्रस्तावित आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान’ आचार्य शंकर के अद्वैत दर्शन और शिक्षा के लिए सीखने और अनुभव करने का केंद्र होगा।
इससे ओंकारेश्वर को ‘एकात्मता का वैश्विक केंद्र‘ (Global Center for Oneness) बनाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसे संबल मिलेगा |
आर्टिकल की pdf और MP की अन्य सरकारी योजना , जॉब्स , करंट अफेयर्स के लिए हमारे टेलीग्राम / whatsapp ग्रुप को जॉइन करे
Article Source आदि शंकराचार्य के बारे में और जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे
For more latest jobs click here
You can also join our telegram channel ” sarkari digital” for study material.
follow us/ like our page on facebook sarkaridigital.
subscribe our YouTube channel “sarkari digital“.
MP State Forest Research Institute official website CLICK HERE
परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रश्न
एकात्मता की मूर्ति कहा स्थापित की गई है ?
मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के ओम्कारेश्वर में पुनासा तहसील में मान्धाता पर्वत पर शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची मूर्ति का अनावरण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया | आदि शंकराचार्य की इस प्रतिमा को Statue of Oneness omkareshwar madhyapradesh एकात्मता की मूर्ति के नाम से भी जाना जायेगा |
एकात्मता की मूर्ति Statue of Oneness omkareshwar madhyapradesh को बनाने में कितनी लागत आई |
एकात्मता की मूर्ति को बनाने में कुल लागत 198 करोड़ रुपये आई है | इसे तेयार होने में कुल 2 वर्षो का समय लगा |
एकात्मता की मूर्ति का निर्माण कौन सी कंपनी ने किया
इस Statue of Oneness का निर्माण L & T (एल एंड टी ) कंपनी के द्वारा चित्रकार श्री वासुदेव कामत और मूर्तिकार श्री भगवान रामपुरे के मार्गदर्शन में ज.टी.क्यू J.T.Q China की एक company द्वारा किया गया है |
एकात्मता की मूर्ति का निर्माण कौन से चित्रकार और मूर्तिकार ने किया
एकात्मता की मूर्ति की प्रेरणा प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार श्री वासुदेव कामत के द्वारा बनाई गई आदि शंकराचार्य बाल प्रतिमा के रेखाचित्र के आधार पर ली गई है इस मूर्ति को बनाने के लिए प्रसिद्ध मूर्तिकार श्री भगवान रामपुरे सोलापुर का चयन किया गया |
हाल ही में मध्यप्रदेश की सबसे ऊँची मूर्ति कौन सी बनी है |
statue of oneness omkareshwar madhyapradesh (एकात्मता की मूर्ति ओम्कारेश्वर मध्यप्रदेश ) जिसे staute of oneness भी कहा जता है यह आदि शंकराचार्य के 12 वर्षीय रूप को दर्शाता है ये मध्यप्रदेश में स्थित राज्य की सबसे ऊँची कहलाई जाएगी जिसकी ऊंचाई 108 फीट है |